विषय
- #लेखन
- #पठन मंडल
- #चित्र पुस्तक थेरेपी
- #निबंध
- #आंतरिक चिकित्सा
रचना: 2024-09-03
रचना: 2024-09-03 18:43
क्या मैं किसी रीडिंग ग्रुप में शामिल होऊँ? अचानक मुझे ऐसा विचार आया।
ऐसा ग्रुप जहाँ केवल शराब पीकर मस्ती ना की जाती हो, बल्कि कुछ और सार्थक और गहरा हो। पहले भी किसी ने ऐसे रीडिंग ग्रुप के बारे में बहुत गर्व से बताया था, लेकिन मुझे वो इंसान पसंद नहीं आया, इसलिए मैंने उससे दूरी बना ली। शायद मेरा स्वाभिमान ठेस पहुँचा था, इसलिए उसने कहा था कि 'मेरा मतलब शामिल होने के लिए कहना नहीं था', लेकिन चाहे उसका इरादा कुछ भी रहा हो, मैं उससे और बात नहीं करना चाहती थी।
मेरा मतलब यह नहीं है कि केवल किताबें ही पढ़नी हैं, लेकिन अगर मुझे अपना समय और मेहनत किसी ग्रुप में लगाना है तो वो सार्थक होना चाहिए। उस तरह की बातें सुनना भी बेकार है। किसी के लिए किताबें दिखावा करने का जरिया हो सकती हैं, लेकिन मेरे लिए नहीं। अगर मैं सिर्फ पढ़कर आनंद ले सकती हूँ तो किताबें अपने आप में काफी हैं। वैसे भी, इस तरह की फिज़ा मुझे पसंद नहीं है इसलिए मैं कुछ रीडिंग ग्रुप से दूर ही रहती हूँ।
अब मैं अपने लिए, किताबों और ईमानदार बातचीत के लिए एक ग्रुप ढूंढ रही हूँ। और मुझे लाइब्रेरी में 'पिक्चर बुक थेरेपी' की क्लास मिल गई। अभी मैं जल्द ही लॉन्च होने वाले अपने काम में बहुत व्यस्त हूँ, लेकिन मेरी ज़िन्दगी में थोड़ा सा ब्रेक भी ज़रूरी है, और इस मौके का फायदा उठाकर मैं खुद से और प्यार करना चाहती हूँ। शायद पिक्चर बुक थेरेपी की क्लास '<आर्टिस्ट वे>' में बताए गए सिंक्रोनिस्सिटी का उदाहरण हो। मेरी चाहत और मेरी ज़रूरत का मिलन, ऐसा लगता है जैसे ये मौका यूँ ही मिल गया हो।
मुझे बचपन से ही पिक्चर बुक्स बहुत पसंद हैं। बचपन में पिक्चर बुक्स से जो प्यार और गर्मजोशी मुझे मिली थी, वो आज भी मेरे दिल में है। शब्दों से न कह पाने वाली बातें, सिर्फ़ चित्रों से ही बताई जा सकती हैं, ये मुझे बहुत अच्छा लगता था। पिक्चर बुक्स सिर्फ़ कहानियाँ सुनाने भर की चीजें नहीं हैं, बल्कि हमारी भावनाओं को बांटने और अपने भीतर झाँकने का एक जरिया भी हैं। बार-बार पढ़ने पर भी हर बार नया अहसास देने वाली पिक्चर बुक्स का जादू हमेशा रंगीन ही रहता है।
हर बार जब मैं पिक्चर बुक खोलती हूँ तो मेरी ज़िन्दगी में एक नई चमक आ जाती है। पिक्चर बुक्स से मेरी कल्पना शक्ति बढ़ती है और मुझे अपनी भूली-बिसरी भावनाओं को फिर से याद करने का मौका मिलता है। इसलिए मेरे लिए 'पिक्चर बुक थेरेपी' की ये क्लास बहुत खास है। ये क्लास सिर्फ़ पढ़ने भर की नहीं है, बल्कि अपनी भावनाओं को समझने और खुद को ठीक करने की एक प्रक्रिया है। इस वक़्त खुद के लिए जो समय निकालूँगी, उससे मुझे क्या विकास मिलेगा, ये जानने की उत्सुकता है। उम्मीद है कि ये क्लास मुझे ज़रूरी ब्रेक देगी और पिक्चर बुक्स के साथ ये सफ़र बहुत अच्छा होगा।
टिप्पणियाँ0