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रचना: 2024-05-23
रचना: 2024-05-23 14:46
'हर दिन लिखना चाहिए!' यह सोचने से बेहतर है कि आप हर दिन कितना लिख रहे हैं और क्या लिख रहे हैं, इसका रिकॉर्ड रखना।
आदतें तब बनती हैं जब हम कोई काम बार-बार करते हैं। किसी खास काम को बार-बार करने पर, मस्तिष्क उस काम को करने के लिए और अधिक कुशल संरचना में बदल जाता है। लेखन ही नहीं, बल्कि किसी भी आदत को विकसित करने के लिए, उस आदत में बिताए गए समय की तुलना में उस काम को कितनी बार किया गया, यह संख्या अधिक महत्वपूर्ण है।
लेडी राइटिंग ए लेटर (1887)_अल्बर्ट एडेलफेल्ट (फिनिश, 1854 - 1905)
इसलिए, मैं हर दिन लिखता हूँ। चाहे केवल 2 मिनट या 10 मिनट ही क्यों न हों, मैं लिखता रहता हूँ। जब मेरा दिमाग बूढ़ी दादी की तरह खाली हो जाएगा, तब भी मैं सहजता से लिखता रहूँगा, यह सोचकर मैं लिखता हूँ।
▶ किसी भी आदत में महारत हासिल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज 'दोहराव' है। उसे पूरा करना नहीं।
▶आदतें स्वचालित होने के लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आप कितने समय तक करते हैं, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि आप कितनी बार दोहराते हैं।
▶ आदत बनाने में समय का कोई प्रभाव नहीं होता है। 21 दिन, 30 दिन या 300 दिन, यह मायने नहीं रखता। महत्वपूर्ण यह है कि आप उस काम को कितनी बार करते हैं। किसी काम को तीन दिन में दो बार करने और 200 बार करने के परिणाम बहुत अलग होंगे।
-जेम्स क्लियर, अत्यंत छोटी आदतों की शक्ति, बिज़नेस बुक्स
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